दिल्ली के दंगाईयों की पहचान के लिए सरकार ने अपनाई नई तकनीक, पढ़ें ये खबर

दिल्ली के दंगाईयों की पहचान के लिए सरकार ने अपनाई नई तकनीक, पढ़ें ये खबर

नई दिल्ली। देश की राजधानी में हुए दंगों पर बहस अब भी जारी है। पिछले 2-3 दिनों से संसद में इस पर जोरदार बहस चल रही है। इसी बीच देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि सांप्रदायिक झड़पों में कथित तौर पर लिप्त 1100 से अधिक दंगाईयों की पहचान की जा चुकी है। इसके लिए सरकार द्वारा नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 

केंद्र सरकार ने ‘Facial Recognition’ तकनीक का इस्तेमाल किया है। दरसल यह बात अमित शाह ने दिल्ली के दंगों और सरकार के उससे निपटने के तरीकों को लेकर संसद में चल रही बहस के दौरान एक साथी सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब के रूप में कही।

शाह ने कहा की दिल्ली के लोगों ने हजारों की संख्या में दिल्ली पुलिस को दंगों की तस्वीरें और फुटेज भेजीं हैं। इन तस्वीरों और वीडियो में चिन्हित लोगों को सरकार के पास मौजूद सरकारी डेटा जैसे वोटर आईडी डेटा, ड्राइविंग लाइसेंस डेटा और अन्य सरकारी डेटा का इस्तेमाल कर सॉफ्टवेयर में फीड किया गया, जिससे 1,100 से अधिक लोगों की पहचान करने में मदद मिली है।

इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने कहा;

“हम हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए Facial Recognition सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं। हमने आधार, ड्राइविंग लाइसेंस डेटा को भी इस सॉफ्टवेयर में फीड कर दिया है। सॉफ्टवेयर में 1100 लोगों की पहचान की गई है, इनमें से 300 लोग यूपी से हिंसा करने के लिए आए थे।”

इस बीच यह सरकार की तरह से आने वाला पहला अधिकारिक आँकड़ा है, जिसको सरकार ने माना है। लेकिन इस बीच विश्व स्तर पर कई बार सुर्ख़ियों में रहने वाला मुद्दा फ़िर से उठने लगा है, कि आखिर सरकारों के पास भरी डेटा और तकनीक के चलते कितनी पॉवर और प्रभावशाली स्थिति होती है।